पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी का जन्म सन् 1894 ई० में मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर जिले के खैरागढ़ नामक ग्राम में हुआ था।
इनके पिता का नाम पुन्नालाल बख्शी तथा माता का नाम मनोरमा देवी था। इनके पितामह उमराव बख्शी एक कवि थे। अतः पारिवारिक वातावरण का प्रभाव पड़ा। जिससे इनका मन साहित्य व काव्य के प्रति आकर्षित हो गया। इनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई। इन्होंने सेंट्रल हिन्दू कालेज बनारस से उच्च शिक्षा प्राप्त किया। बी० ए० की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इन्होंने साहित्य सेवा को अपना लक्ष्य बना लिया। और कहानी एवं कविताएं लिखना शुरू कर दिए। कुछ समय इन्होंने सरस्वती पत्रिका का संपादन भी किया। बख्शी जी का हिंदी साहित्य में बहुत बड़ा योगदान रहा। यह एक नम्र स्वभाव के व्यक्ति थे। बख्शी जी द्विवेदी युग के लेखक थे। इनका निधन सन् 1971 ई० में हो गया।
प्रमुख रचनाएं :-
निबंध - पंचपात्र , तीर्थरणु , प्रबंध परिजात
काव्य - शतदल , और अश्रुदल
संपादन - सरस्वती और छाया
आलोचना - साहित्य शिक्षा
कहानी - अंजलि झलमला