परिचय :-
जयशंकर प्रसाद का जन्म सन् 1889 ई 0 में काशी के एक प्रतिष्ठित वैश्य परिवार में हुआ था । इनके पिता का नाम देवीप्रसाद तथा माता का नाम मुन्नी देवी था। ये तंबाकू के एक प्रसिद्ध व्यापारी थे। बचपन में ही पिता की मृत्यु हो जाने से इनकी प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही हुई घर पर ही इन्होंने हिंदी अंग्रेजी संस्कृत उर्दू फारसी का गहन अध्ययन किया ये बड़े हंसमुख तथा सरल स्वभाव के थे। इनका बचपन सुख से बीता किंतु दान शीलता के कारण ये ऋणी हो गए। अपनी पैतृक संपत्ति का कुछ भाग बेच कर इन्होंने ऋण से छुटकारा पाया। अपने जीवन में इन्होंने कभी व्यवसाय की ओर ध्यान नहीं दिया परिणाम स्वरुप इनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ती गई और चिंताओं ने घेर लिया। और इनका शरीर छय रोग से जरजर होता गया।
और अंत में इनकी मृत्यु सन 1937 ईस्वी को केवल 48 वर्ष की आयु में हो गई।
रचनाएं :- जयशंकर प्रसाद की प्रमुख कृतियां इस प्रकार है।
कामायनी , आशु , झरना , लहर।
नाटक :- चंद्रगुप्त , ध्रुवस्वामिनी