जीवन परिचय :-
हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार श्री आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी का जन्म सन् 1984 ई0 में बस्ती जिले के अगोना नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता श्री चन्द्रबली शुक्ल मिर्जापुर में कानूनगो थे। इन्होंने दशवीं की परीक्षा मिशन स्कूल से उत्तीर्ण की। गणित में कमजोर होने के कारण ये आगे पढ़ नहीं सके। अध्यापन कार्य करते हुए इन्होंने अनेक कहानियां , कविताएं , निबंध व नाटक आदि की रचना की इन्होंने 19 वर्षों तक काशी नागरी प्रचारिणी पत्रिका का संपादन भी किया।
ये हृदय से कवि मस्तिष्क से आलोचक और जीवन से अध्यापक थे। साहित्य में इनका बहुत बड़ा योगदान है। इनकी विलक्षण प्रतिभा के कारण ही इनके समकालीन हिंदी गद्य काल को शुक्ल युग कहा जाता है। सन् 1941 ई0 में इनका स्वर्गवास हो गया।
रचनाएं :-
निबंध = चिंतामणि , विचारवीथी
इतिहास = हिन्दी साहित्य का इतिहास
संपादन = काशी नागरी प्रचारिणी , हिन्दी शब्द सागर , आनंद कादम्बिनी , भ्रमरगीत सार , तुलसी ग्रंथावली , जायसी ग्रंथावली।
ट्रिक• आचार्य रामचंद्र शुक्ल की प्रमुख रचनाएं :
[Trick- तू जा रसमी चित्र पर 🫥]
तू • तुलसीदास
जा • जायसी
र • रसमीमांशा
स • सूरदास
मी • मित्रता
चि • चिंतामणि
त्र • त्रिवेणी
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