रामधारी सिंह ' दिनकर ' का जन्म सन् 1908 ई० को बिहार राज्य के मुंगेर जिले के सिमरिया नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम रवि सिंह तथा माता का नाम मनरूप देवी था। इनकी अल्पायु में ही इनके पिता का देहांत हो गया। इन्होंने पटना विश्वविद्यालय से बी० ए० की परीक्षा उत्तीर्ण की । पारिवारिक कारणों के कारण ये आगे पढ़ नहीं सके। अतः नौकरी में लग गए। कुछ दिनों तक इन्होंने प्रधानाचार्य के पद पर कार्य किया। कुछ दिनों बाद ये बिहार विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष पद पर आसीन हो गये। ये भारतीय संसद के सदस्य निर्वाचित हुए। कुछ समय के लिए ये भागलपुर विश्वविद्यालय के उपकुलपति भी रहे। इसके बाद भारत सरकार के गृह विभाग में हिंदी सलाहकार के रूप में हिंदी की सेवा की। इनके उर्वशी नामक काव्य रचना पर इन्हें एक लाख रुपए का ज्ञान पीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। भागलपुर विश्वविद्यालय द्वारा इन्हें डी०लिट० की उपाधि द्वारा सम्मानित किया गया। इन्हें पदम् भूषण की उपाधि से सम्मानित किया गया। सन् 1974 ई० को इनकी मृत्यु हो गई।
रचनाएं :- संस्कृत के चार अध्याय ( रेणुका , हुंकार , (कविता )
काव्य संग्रह :- कुरुक्षेत्र ( महाकाव्य ) , रश्मिरथी , उर्वशी।