डॉ राजेन्द्र प्रसाद का जीवन परिचय • डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का जन्म सन् 1884 ई में बिहार राज्य के छपरा जिले के जीरादेई नामक ग्राम में हुआ था इनके पिता का नाम महादेव सहाय था इन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से M.A तथा L.L.B की परीक्षा पास की।
ये परीक्षा में सदैव प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण थे मुजफ्फरपुर के कॉलेज में कुछ दिन अध्यापन कार्य करने के बाद ये पटना और कोलकाता हाई कोर्ट में वकील भी रहे परंतु ये गांधी के आदर्शो, सिद्धांतों तथा आजादी के आंदोलन से बहुत प्रभावित थे इसलिए वकालत छोड़कर इन्होंने चंपारण के आंदोलन में भाग ले लिया।
डॉ राजेंद्र प्रसाद तीन बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सभापति रहे सादा जीवन उच्च विचार इनके जीवन का मूलमंत्र था इनकी ईमानदारी निष्पक्षता और प्रतिभा को ध्यान में रखकर इनको भारत का प्रथम राष्ट्रपति नियुक्त किया गया।
भारत सरकार ने इन्हें भारत रत्न की उपाधि से नवाजा गया आजीवन हिंदी और राष्ट्र की सेवा करने वाले डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी का सन् 1963 ई में इनका स्वर्गवास हो गया।
जन्म स्थान :- देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म सन 1884 ई में बिहार राज्य की छपरा जिले के जीरादेई नामक ग्राम में हुआ था।
माता-पिता :- इनके पिता का नाम महादेव सहाय था इनका परिवार गांव के संपन्न और प्रतिष्ठित कृषक परिवारों में से था।
शिक्षा :- इन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से M.A और L.L.B की परीक्षा उत्तीर्ण की थी कुछ समय तक मुजफ्फरपुर कॉलेज में अध्यापन कार्य करने के पश्चात ये पटना और कोलकाता हाई कोर्ट में वकील भी रहे।
इनकी प्रतिभा कर्तव्यनिष्ठा और निष्पक्षता से प्रभावित होकर इनको भारत गणराज्य का प्रथम राष्ट्रपति बनाया गया भारत सरकार ने इनको सर्वोच्च उपाधि भारतरत्न से सन् 1962 ई में इनको अलंकृत किया।
मृत्यु :- जीवन भर राष्ट्र की निस्वार्थ सेवा करते हुए। 28 फरवरी 1963 ई को इनका देहांत हो गया।
साहित्य में स्थान :- डॉ राजेंद्र प्रसाद सुलझे हुए राजनेता होने के साथ-साथ उच्चकोटि के विचारक, साहित्य साधक और कुशल व्यक्ति थे ये 'सादी भाषा और गहन विचारक' के रूप में सदैव स्मरण किए जाएंगे हिंदी की आत्मकथा विद्या में उनकी पुस्तक मेरी आत्मकथा का उल्लेखनीय स्थान है ।
रचनाएं :- राजेंद्र प्रसाद की प्रमुख रचनाओं का विवरण निम्नलिखित है
• चंपारण में महात्मा गांधी
• बापू के कदमों में
• मेरी आत्मकथा
• शिक्षा और संस्कृति
Trick• राजेंद्र प्रसाद की प्रमुख रचनाओं को याद करने का ट्रिक -
प्रेम का चित्र झलक आया।
प्रे • प्रेम-पथिक
म • महाराज का महत्व
का • कामायनी
का • कानन कुसुम
चित्र • चित्राधार
झ • झरना
ल • लहर
क • करुणालय
आ • आंसू
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