नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है अपने ब्लॉग पर आज मैं आपको स्टेप बाई स्टेप बताने वाला हूं कि कंपनी में ट्रैक्टर कैसे बनता है।
Step 1 - Structure Assembly
सबसे पहले Gear Box और Rear Axle को Body में लगाकर जोड़ते है। जैसा कि आपको नीचे दिखाया गया है इस पूरे प्रोसेस को Backend कहा जाता है इस ज्वाइंट के बाद Gear Box में Gear Oil भरते हैं और Gear Box Shoft लगाकर Gear की स्मूथ चेक करने के लिए Gear टेस्ट करते हैं । टेस्ट ओके होने के बाद Backend को Green Moving Assembly लाइन में ट्रांसफर करती है । जहां बैकेंड पर रनिंग बोर्ड लगाया जाता है ये वो बोर्ड होता है जहा ड्राइवर अपने पैर रखता है Hand Brake, Brake Paddles और Brake Shoft अटैच करते है ।
अब गियर बॉक्स के साथ जोड़ा जाता है ट्रैक्टर का पावर फुल इंजन इसके बाद Rear Axle से Hydraulic Lift अटैच करते हैं ये ट्रैक्टर का सबसे खास पार्ट होता है क्योंकि ट्रैक्टर से जुड़ने वाले सभी कल्टीवेशन की मूवमेंट इसी से कंट्रोल होती है Hydraulic Lift के साथ लावरलिंक जोड़ा जाता है । इसी पर परफॉर्मिंग करने के लिए Pulling और lifting अटैचिंग जोड़े जाते हैं और फिर जोड़ते हैं Hydraulic pump जिससे सबको कॉरपोरेट करने के लिए फ्रेशर मिलता है अब Front सपोर्ट को इंजन से जोडा जाता है Power Steering column को Gear box से अटैच करते हैं अब स्टार्टर मोटर को क्लच हाउसिंग से जोड़ते हैं जो उसे ऑन करता है ताकि ट्रैक्टर स्टार्ट हो सके इसी के साथ ट्रैक्टर की असेंबली कंप्लीट हो जाती है।
Part Shifting और Placement के लिए क्वालिटी चेक किए जाते हैं स्ट्रक्चर को पेंट करने के लिए पेंट Shop भेजते हैं Fuel tank को भी पेंटिंग के लिए भेजा जाता है।
Step 2 - Painting:
पेंट शॉप में पहले स्ट्रक्चर की धुलाई करते हैं और फिर अच्छे से सुखाते है पहले स्ट्रक्चर के अंदर के बॉडी पर ब्लू प्राइमर पेंटिंग होती है और बाद में अपर बॉडी पर फिर इन्हे 150 डिग्री सेल्सियस पर पचास मिनट तक सुखाया जाता है अब पेंट स्ट्रक्चर को फिर से असेंबली लाइन में लाते हैं ।
Step 3 - Lubrication
आपको क्या लगता है नहाने के बाद आप ही क्रीम लगाते हैं अरे ये देखिए पेंट के बाद स्ट्रक्चर के अलग - अलग प्वाइंट को ग्रीसिंग कि जा रही है ग्रीस एक डाइलोबेर्सम होता है अब 22 - 30 लीटर तक REAR AXLE ऑयल भरा जाता है ।
Step 4 - Assembly
Rear Axle पर Rear Fenders जोड़ते हैं अब स्ट्रक्चर पर Fuel tank जोड़ते हैं । और अब लग गए Front और बैक टायर्स 7 - 8 फीट ऊंचे ट्रैक्टर से इंसान भी छोटे लगते हैं और 1930 के आस पास ट्रैक्टर में रीम के टायर लगते थे इसके बाद इंजन से Fan और Rediator जोड़ते हैं और फिर रेडिएटर में कूलन डाला जाता है और अब ट्रैक्टर पर यूनिक इंजन नम्बर और मॉडल नंबर लिखी हुई एक मैटोलिक नम्बर प्लेट लगाई जाती है रेडिएटर पर Headlights, intercoolar और Hole लगा हुआ सेल लगाते हैं फ्यूल टैंक के ऊपर फेडोमीटर, फ्यूल इंडिकेटर, हैडलाइट और ब्लिंकर इंडिकेटर , रियर हुड फीट किया जाता है इसके बाद सेंटर पैनल स्टेरिंग रील और सीट फीट करते हैं रेडिएटर के ऊपर फ्रंटहोल लगाते हैं उसके बाद बैटरी बॉक्स और बैटरी सेट की जाती है ।
Step 5 - Testing
अब एक वर्कर तैयार ट्रैक्टर को रोड टेस्ट के लिए ले जाता है। ट्रैक्टर के Brake , Reverse and Front Gear Test , Turning Redious, Leakage चेक किया जाता है। और एक ट्रैक्टर Okay होता है तो वह पहुंच जाता है Showroom में जहां पर खरीदता है एक किसान और बंजर जमीन को भी बना देता है एक अनाज की खदान।